(गीतकार : गुलज़ार) हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करतेवक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करतेहाथ छूटें भी तो… जिस की आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिकनऐसी […]
(गीतकार : गुलज़ार) हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करतेवक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करतेहाथ छूटें भी तो… जिस की आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिकनऐसी […]