(गीतकार : मिर्ज़ा ग़ालिब) हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकलेबहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले… निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिनबहुत बे-आबरू […]
(गीतकार : मिर्ज़ा ग़ालिब) हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकलेबहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले… निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिनबहुत बे-आबरू […]