(गीतकार : निदा फ़ाज़ली) होश वालों को ख़बर क्या बेख़ुदी क्या चीज़ हैइश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िन्दगी क्या चीज़ हैहोश वालों को… उन से नज़रें क्या मिली रोशन फ़िज़ाएँ हो […]
(गीतकार : निदा फ़ाज़ली) होश वालों को ख़बर क्या बेख़ुदी क्या चीज़ हैइश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िन्दगी क्या चीज़ हैहोश वालों को… उन से नज़रें क्या मिली रोशन फ़िज़ाएँ हो […]
(गीतकार : निदा फ़ाज़ली) हर तरफ़ हर जगह बे-शुमार आदमीफिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी… सुब्ह से शाम तक बोझ ढोता हुआअपनी ही लाश का ख़ुद मज़ार आदमी… हर तरफ़ भागते […]