(गीतकार : जावेद अख्तर)
ये बता दे मुझे ज़िन्दगी
प्यार की राह के हमसफ़र
किस तरह बन गये अजनबी
ये बता दे मुझे ज़िन्दगी
फूल क्यों सारे मुरझा गये
किस लिये बुझ गई चाँदनी
ये बता दे…
कल जो बाहों में थी और निगाहों में थी
अब वो गर्मी कहाँ खो गई
न वो अंदाज़ है, न वो आवाज़ है
अब वो नर्मी कहाँ खो गई…
ये बता दे…
बेवफ़ा तुम नहीं, बेवफ़ा हम नहीं
फिर वो जज़बात क्यों सो गये
प्यार तुम को भी है, प्यार हम को भी है
फ़ासले फिर ये क्यो हो गये…
ये बता दे मुझे ज़िन्दगी
प्यार की राह के हमसफ़र
किस तरह बन गये अजनबी
ये बता दे मुझे ज़िन्दगी
फूल क्यों सारे मुरझा गये
किस लिये बुझ गई चाँदनी
ये बता दे…
ये बता दे…
ये बता दे…